| 1. | तू ही स्वतः सिद्ध और आनंद रूप है।
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| 2. | बन्धन कृत्रिम है और मुक्ति स्वतः सिद्ध है।
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| 3. | अतः वेद की नित्यता, अपौरुषेयता औरस्वतःप्रामाण्य स्वतः सिद्ध है.
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| 4. | ऊपर के वर्णन से यह स्वतः सिद्ध है.
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| 5. | क्यो की वे स्वतः सिद्ध प्रमाण हा.
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| 6. | उनकी साधना की सार्थकता स्वतः सिद्ध है।
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| 7. | प्रतिपाद्य तत्व तो स्वतः सिद्ध पदार्थ है।
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| 8. | उनसे ही स्वतः सिद्ध ज्ञान का सन्चार होता हैं.
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| 9. | ” वेदान्त प्रतिपाद्य तत्व तो स्वतः सिद्ध पदार्थ है।
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| 10. | स्वतः सिद्ध है पर जड़ता (उत्पत्ति-विनाशशील वस्तुओं)-को महत्त्व देने से
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